जब घाटी में जवानों पर,,,,,पत्थर मारे जाते है



जब घाटी में जवानों पर,,,,,पत्थर मारे जाते है
पाक समर्थन वाले नारे,,,,,,तब पाखंडी गाते है।
घर के अंदर घर के बाहर,,,,हमले होते रहते है
नेता जी बस निंदा करके,,,,घर में सोते रहते है।
लगता हमको गठबंधन पर,केवल नज़र तुम्हारी है
सैनिक से ज़्यादा लगती,,,महबूबा तुमको प्यारी है।
नही अगर सत्ता का लालच,गठबंधन को छोड़ो जी
सेना पर जो हाथ उठाए,,उनके हाथों को तोड़ो जी।
मत भूलो जो सीमा पर है,,वो भारत माँ के बेटे है
या भेजो सर कटवाने उनको,,जो गद्दी पर लेटे है।
पानी रोको सिंधु का,,,,,वहाँ रेगिस्तान बना डालो
जंग करो बस आर पार,की पूरा शमशान बना डालो।
मैं कहता हूँ मोदी जी कि,,बस इतना सा काम करो
कृपया करके एक दिन अपना,सरहद के तुम नाम करो।
अपने मन की बातों को,सरहद पर जाके दोहरा दो
वीर जवानों की तरह वहाँ पर,तुम भी झंडा फहरा दो।
फ़िर देखेंगे कौन भला,,,,,,,हम पर हमले करवाएगा
आंख उठाने वाला भी,,,,,,,फ़िर सीधे गोली खाएंगा

अनूप भारतीय
जय हिंद
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