रामचरित मानस सहित अनेक ग्रंथों के रचयिता संत तुलसीदास जी के जन्मोत्सव के अवसर पर 1 से 4 अगस्त (सोमवार से गुरुवार) तक भावनगर जिले में कैलास गुरुकुल में पूज्य मोरारी बापू की उपस्थिति में वाल्मिकी व्यास और तुलसी पुरस्कार समारोह आयोजित किया जाएगा। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी तुलसी उत्सव में 1 से 3 अगस्त तक देश भर के विभिन्न प्रांतों के गायकों और कहानियों के पाठकों के व्याख्यान होंगे| हर वर्ष तुलसीदास जी की जन्म तिथि (श्रावण शुक्ल सप्तमी) पर वाल्मिकी रामायण, महाभारत, गीता, पुराण, रामचरित मानस के साथ-साथ तुलसीदास जी के साहित्य की कथाएँ, गीत, व्याख्यान-अध्ययन और जीवन भर सेवा के उपलक्ष्य में देश- विदेश के प्रतिष्ठित वरिष्ठ व्यक्तियों के शोध-प्रकाशन के साथ इस पुरस्कार से शिक्षाविदों के अलावा संगठनों को भी सम्मानित किया जाता है।
वर्ष 2022 के तीनों पुरस्कारों का प्रस्तुतिकरण समारोह दिनांक 4 अगस्त गुरुवार को तुलसी जयंती के शुभ अवसर पर सुबह 9 बजे होगा| इस वर्ष के वरिष्ठ विद्वानों में वाल्मिकी पुरस्कार श्री माधवाचार्यजी महाराज (अयोध्या), विजय शंकर देवशंकर पंड्या (अहमदाबाद), स्व.रामानन्द सागर (मुंबई) और व्यास पुरस्कार प्रा. शरदभाई व्यास (धर्मपुर), आचार्य गोस्वामी श्री मृदुल कृष्णजी महाराज (वृंदावन) के साथ-साथ तुलसी पुरस्कार सुश्री रामबेन हरियानी (जयपुर), श्री मुरलीधरजी महाराज (ओंकारेश्वर) और महंत श्री राम हृदयदासजी (चित्रकूट धाम, सतना, मध्य प्रदेश) को वंदनापात्र से सम्मानित किया गया। सूत्रमाला, शॉल और पूज्य मोरारी बापू जी 25 हजार रुपये राशि मानदेय देकर सम्मानित करेंगे। चित्रकूट धाम तलगजरदा ने जानकारी दी है कि कार्यक्रम में आने वाले सभी दर्शकों को कोरोना को लेकर सरकार के मौजूदा दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा.