समाज में व्याप्त रूढ़िवादिता को तोड़ेगी फ़िल्म 'रेस्क्यू'

मुंबई : यह दौर ही ऐसा है कि अब दर्शकों को कंटेंट पर आधारित ऐसी रियलिस्टिक फ़िल्में पसंद आ रही हैं, जिनमें रोमांच हो। इसमें कोई दोराय नहीं कि रोमांच में ही थ्रिलर छिपा है और अगर उसमें कॉमेडी को शामिल कर दिया जाए, तो कहने ही क्या। आरजी टीएस पिक्चर्स के बैनर तले निर्मित हिंदी फ़िल्म 'रेस्क्यू' को भी हम कॉमेडी थ्रिलर फ़िल्म की कैटेगिरी में रखेंगे, जिसका ट्रेलर पिछले दिनों मुंबई में लॉन्च किया गया।



    रेस्क्यू एक अनएक्सपेक्टेड कॉमिक थ्रिलर है जिसमें समाज में कामुकता, पसंद की स्वतंत्रता, हिपोक्रैटिक के दोहरे मापदंड को व्यंगात्मक तरीक़े से दिखाया गया है। फिल्म की कहानी वास्तविक घटनाओं से प्रेरित है। फिल्म में मुख्य भूमिका निभा रहे अभिनेता राहुल गणेश तुलसीराम कहते हैं कि फ़िल्म रेस्क्यू मेरे लिए एक बहुत ही खास फिल्म है। समाज की रूढ़िवादिता को फिल्म की अवधारणा से साफ किया गया है। फिल्म में छेड़छाड़, मारपीट और यहां तक कि एक आदमी के बलात्कार की भी बात की गई है। हम एक ऐसे समाज में रहते हैं जहां महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करना एक गंभीर अपराध है लेकिन अगर एक  आदमी के साथ ऐसा हो जाए तो क्या। दोनों के लिए न्याय अलग-अलग नहीं होना चाहिए। फिल्म समाज में ऐसे विषय पर दोहरे स्वभाव पर केंद्रित है और हमें अपनी मानसिकता को बदलने के लिए कहती है क्योंकि महिला और पुरुष का आत्मसम्मान और सम्मान सामान रूप से महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर अभिनेत्री इशिता गांगुली ने कहा कि यह एक थ्रिलर फिल्म है और वास्तव में एक ऐसे विषय की बात करती है जिससे हम सब बचते हैं। फ़िल्म रेस्क्यू समाज में व्याप्त रूढ़िवादिता को तोड़ देगी। मेट्स एंटरटेनमेंट द्वारा 14 जून को रिलीज की जा रही फिल्म रेस्क्यू का का निदेशक नयन पचौरी ने किया है।
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